मॉडल जेल अधिनियम-2023: जानिये नये जेल अधिनियम में कौन सी विशेषताएं जोड़ी गई, और 130 साल पुराने जेल अधि नियम में क्या परिवर्तन किए गए

मॉडल जेल अधिनियम-2023: जानिये नये जेल अधिनियम में कौन सी विशेषताएं जोड़ी गई,

इस मॉडल जेल अधिनियम-2023 के अनुसार , वर्तमान जेल अधिनियम की कमियों को दूर करने के लिए, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के कुशल मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय ने एक व्यापक ” आदर्श जेल अधिनियम-2023 का का प्रारूप तैयार किया| यह राज्यों के लिए एक नए मार्गदर्शक के रूप में काम करेगा| इसमें कैदियों के सुधार के लिए कई नियम जोड़े गए|

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 130 वर्ष पुराने जेल अधिनियम में बदलाव कर नया नया ” मॉडल जेल अधिनियम-2023 ” तैयार कर लिया है| इस नए जेल अधिनियम में पुराने जेल अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों को भी शामिल किया गया है| यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में लिया गया|

पुराने जेल अधिनियम के मुख्य बिंदु:

वर्तमान जेल अधिनियम-1894 हमारा देश आजाद होने के पहले अंग्रेजों द्वारा बनाया गया अधिनियम था| इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य अपराधियों को कैद में रखना और जेल में अनुशासन व व्यवस्था बनाए रखना था| इस अधिनियम में कैदियों के सुधार और पुनर्वास का कोई प्रावधान नहीं था| गृह मंत्रालय ने बताएं कि आज जेलों को प्रतिशोधत्मक निवारक के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इन्हें सुधारात्मक संस्थानों एवं शोधनालय के रूप में देखा जाना चाहिए| ताकि कैदी अपने आप को बदल सके, एवं पुनर्वासित होकर कानून का पालन करने वाले सभ्य नागरिक बन सके|

वर्तमान समय की आवश्यकता और सुधारात्मक विचारधारा के साथ गृह मंत्रालय ने महसूस किया कि, मौजूदा कारागार अधिनियम में कई कमियां हैं| इसलिए इस अधिनियम में आज की आवश्यकता और जेल प्रबंधन की जरूरतों को पूरा करने की जरूरत है| इस बात को ध्यान में रखकर अधिनियम-1894 को संशोधित करने का काम पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो को सौंपा गया|

  • यह अधिनियम लगभग 130 वर्ष पुराना है|
  • 1894 में अंग्रेजों द्वारा बनाया गया था|
  • जेलों में अनुशासन और व्यवस्था को बनाए रखने पर केंद्रित है|
  • इसमें मुख्य रूप से अपराधियों को हिरासत में रखने को जोर दिया जाता है|
  • कैदियों के सुधार और रिहैब का कोई प्रावधान नहीं था|

मॉडल जेल अधिनियम-2023, किसके द्वारा तैयार किया गया:

गृह मंत्रालय के अनुसार मौजूदा जेल अधिनियम में कई कमियां है| इसलिए आधुनिक समय की जरूरतों और जेल मैनेजमेंट मैं सुधार के लिए अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता महसूस की जा रही थी|

इसके बाद गृह मंत्रालय ने जेल अधिनियम 1894 में संशोधन की जिम्मेदारी ‘ पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो को सौंपी| इसके बाद पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो ने राज्य के जेल अधिकारियों और सुधारात्मक विशेषज्ञों से बातचीत के बाद जेल प्रबंधन में प्रौद्योगिकी के उपयोग, कैदियों के अच्छे आचरण पर पैरोल, फरलो , कैदियों को छूट देने के लिए प्रावधान करना , महिलाओं व ट्रांसजेंडर कैदियों के लिए विशेष प्रावधान करना, आदि को शामिल कर मॉडल जेल अधिनियम-2023 का ड्राफ्ट तैयार किया|

गृह मंत्रालय ने ‘ जेल अधिनियम-1894 ‘, कैदी -अधिनियम 1900 , और कैदियों के स्थानांतरण अधिनियम-1950 आदि की भी समीक्षा की| इन अधिनियमों के प्रासंगिक प्रावधानों को मॉडल जेल अधिनियम 2023 में शामिल किया गया|

मॉडल जेल अधिनियम 2023 में शामिल होंगे:

  • टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर नए रूल
  • पैरोल और फर्लो देने का नया नियम
  • अच्छे आचरण पर कैदियों की सजा माफी में बदलाव
  • महिला और ट्रांसजेंडर कैदियों के लिए अलग सुविधा
  • कैदियों में सुधार और रिहैब पर ध्यान
  • मोबाइल फोन उपयोग करने वाले कैदियों को सजा
  • हाई सिक्योरिटी ओपन जेल और सेमी जेल बनाना
  • समय से पहले रिहाई के लिए प्रावधान
  • महिलाओं और ट्रांसजेंडर कैदियों की सुरक्षा पर जोर

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